
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को जदयू की बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रशांत किशोर शामिल नहीं होंगे।सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की तरफ से प्रशांत किशोर को बैठक में नहीं बुलाया गया है। मामले में पार्टी प्रवक्ता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को दो टूक जवाब दिया था। नीतीश नेकहा था कि जिसे जहां जाना है चला जाए, मेरी शुभकामनाएं साथ हैं। कुछ लोगों के बयान से जदयू को नहीं देखना चाहिए। जदयू बहुत ही दृढ़ता से अपना काम करती है।
हम लोगों का स्टैंड साफ होता है। एक भी चीज पर हम लोग कन्फ्यूजन में नहीं रहते। अगर किसी के मन में कुछ है तो आकर बातचीत करनी चाहिए। जदयू ने सीएए के पक्ष में लोकसभा और राज्यसभा में वोटिंग की थी। एनआरसी को लेकर नीतीश साफ कर चुके हैं कि बिहार में इसे लागू नहीं करेंगे।जदयू नेता प्रशांत किशारे सीएए और एनआरसी को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं।14 दिसंबर को प्रशांत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इसके बाद भी उनके सुर नहीं बदले। हालांकि, सीएए को लेकर वे कुछ वक्त तक ठंडे जरूर रहे लेकिन एनआरसी के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे। प्रशांत किशोरने गृहमंत्री अमित शाह को भी चुनौती दे डाली कि वे देशभर में सीएए और एनआरसी लागू कराकर दिखाएं।
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हम लोगों का स्टैंड साफ होता है। एक भी चीज पर हम लोग कन्फ्यूजन में नहीं रहते। अगर किसी के मन में कुछ है तो आकर बातचीत करनी चाहिए। जदयू ने सीएए के पक्ष में लोकसभा और राज्यसभा में वोटिंग की थी। एनआरसी को लेकर नीतीश साफ कर चुके हैं कि बिहार में इसे लागू नहीं करेंगे।जदयू नेता प्रशांत किशारे सीएए और एनआरसी को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं।14 दिसंबर को प्रशांत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इसके बाद भी उनके सुर नहीं बदले। हालांकि, सीएए को लेकर वे कुछ वक्त तक ठंडे जरूर रहे लेकिन एनआरसी के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे। प्रशांत किशोरने गृहमंत्री अमित शाह को भी चुनौती दे डाली कि वे देशभर में सीएए और एनआरसी लागू कराकर दिखाएं।
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