
पटना : राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी बिहार प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने आज फिर 180 प्रवासी बिहारी मजदूरों-कामगारों को लेकर चार्टर्ड प्लेन से पटना एयरपोर्ट पहुंचे।उल्लेखनीय है कि कल भी आप सांसद संजय सिंह अपने सांसद कोटे के तहत मिलने वाले साल भर की हवाई राशि से 33 मजदूरों- कामगारों को हवाई जहाज से लेकर पटना पहुंचे थे ।आज फिर 180 प्रवासी बिहारी कामगारों के साथ सांसद संजय सिंह पटना हवाई अड्डा पहुंचे।आज उनके साथ प्रदेश सह प्रभारी आशुतोष सेंगर और प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता डॉ शशिकांत भी पटना शिरकत कर रहे थे ।
हवाईअड्डे पर आम आदमी पार्टी बिहार की ओर से प्रदेश अध्यक्ष सुशील सिंह,प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज कुमार, ,श्रमिक उपाध्यक्ष रागिनी लता सिंह,संगठन मंत्री राहुल कु सिंह,प्रदेश प्रवक्ता अमर यादव, बबलू प्रकाश,अमित सिंह, प्रदेश सांस्कृतिक प्रकोष्ठ महासचिव रंजीत कृष्ण,पटना जिला अध्यक्ष ब्रम्हप्रकाश,cyss छात्र नेता राहुल कु सिंह, विश्वास कुमार, कृष्ण मुरारी गुप्ता, कुम्हरार विधानसभा अध्यक्ष सुयश ज्योति, राहुल सिंह के अलावे आम आदमी पार्टी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। जानकारी प्रदेश मीडिया कोऑर्डिनेटर मृणाल कुमार राज ने दी ।
मूल रूप से सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले केजरीवाल टीम के विश्वस्त साथी संजय सिंह के बारे में मशहूर है कि उन्होंने "पटरी से लेकर संसद" की चौखट तक संघर्षमय यात्रा की। छात्र जीवन से ही वह अपने शहर में सड़क किनारे दुकान, खोमचा या पटरी लगाने वाले गरीबों की लड़ाई मजबूती से लड़े। इसलिए कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली में फंसे गरीब बिहारी मजदूरों के दर्द को देखा नहीं गया और उन्होंने अपनी सुख-सुविधा का त्याग करते हुए देश के सभी माननीय सांसदों-विधायकों या सार्वजनिक जीवन में सरकारी पैसों पर ऐश करने वालों के लिए एक मिसाल कायम की है।
आप' सांसद संजय सिंह ने कहा है कि - लोकसभा और राज्यसभा के सारे सांसदों को मिला लें तो कुल 790 सांसद हैं और वह पूरे साल की सुख-सुविधा त्यागकर अपने सभी हवाई यात्रा के टिकट ( कूपन) इन गरीबों पर न्योछावर कर देते तो कम से कम 26,860 असहाय प्रवासी मजदूरों- कामगारों का कल्याण हो जाता और कई मजदूर पैदल रास्ते या ट्रेन की पटरी पर मरने के लिए विवश नहीं होते ।
आज बातचीत के क्रम में प्रदेश अध्यक्ष सुशील सिंह ने पत्रकारों को बताया की सांसद संजय सिंह अपने स्तर से अब तक 32 बसों से प्रवासी मजदूरों को बिहार,उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में भिजवाने का काम किया। इसके अतिरिक्त दिल्ली की केजरीवाल सरकार के सहयोग से सवा लाख से ऊपर बिहारी मजदूरों को अपने गांव ट्रेनों से भिजवाने का प्रबंध किया। साथ ही साथ करीब 30,000 लोगों को सूखा राशन और 18 दिन सामुदायिक किचन भी चलवाया, जिसमें प्रतिदिन 6 से 7000 लोगों को निःशुल्क पका खाना खिलाया जाता था ।
धीरज झा