
प्रारंभिक से उच्च शिक्षा अपने गँव प्राप्त किए कुलपति ने पहुच कर अपने में गुरु पंडित तेज नाथ झा को किया याद*
झंझारपुर मधुबनी कुलपति बनने के बाद अपने आराध्य इष्ट कुलदेता के साथ राधा कृष्ण के आशीर्वाद के लिए अपने ग्राम दीप आये कुलपति डॉ शशि नाथ झा साथ ही जिस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण किये वहाँ उनका स्वागत किया गया सभी व्यक्ति अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे । साथ ही उन्होंने कहा बहुत हर्ष की अनुभूति हो रहा है जिस विद्यालय में पढ़े हैं उस विद्यालय में आकर आनंद महसूस हो रहा है मैने देवधीरा संस्कृत उच्चय विद्यालय दीप से ही पढ़ाई प्रारम्भ किये ओर अपने गुरुदेव वैकुंठ वासी पंडित तेज नाथ झा जीके सानिध्य में प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा विद्यावचस्पति डिलीट तक की डिग्री दीप ग्राम में रहकर ही प्राप्त किये । ऐसा सौभाग्य अन्य किसी भी छात्र को प्राप्त नही हुआ है । उसके बाद विभिन्न पदों पर रहते हुए अवकाश ग्रहण किया तदुपरांत कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर आसीन हुए है, अपने गुरुवर के कल्पना को साकार करते हुए संस्कृत भाषा में अनेकों पुस्तकों की रचना एवं संपादन की, आरंभिक शिक्षा देवधीरा संस्कृत उच्च विद्यालय दीप मधुवनी उच्च शिक्षा कल्याणी मिथिला संस्कृत महाविद्यालय दीप मधुबनी से प्राप्त की इस तरह पंडित कुलानंद मिश्र, पंडित श्यामसुंदर झा, वैदिक कामेश्वर झा,आयुर्वेद रविंद्र मोहन और अंग्रेजी के विशिष्ठ अध्यापक से शिक्षा पाकर अपने आपको बहुत आनंदित रहता हूँ। विद्यालय में उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं के संस्थापक हमारे गुरुजी पण्डित तेजनाथ झा जी कहते थे कि प्रथमिक छात्र पूंजी होता है वही आगे चलकर विद्यालय उसके बाद कालेज उसके बाद विश्वविद्यालय जाता है । इसलिए मैं अपने व्यस्ततम समय मे से समय निकालकर सर्वपथम मैं जहाँ से प्राथमिक शिक्षा से लेकर डिलीट तक किया उस स्थान पर पहुचना सर्वप्रथम अपना कर्तव्य समझा। इस अवसर पर देवधीरा संस्कृत उच्चय विद्यालय के प्रधानाध्यापक पण्डित गोविन्द नाथ झा , रामशीष चौधरी , कल्याणी मिथिला संस्कृत महाविद्यालय के dr शिव लोचन झा , दिनेश झा , पण्डित बद्री नाथ झा , उदय नाथ झा , रामप्रसाद मण्डल , शक्ति नाथ झा , केशव नाथ झा तृप्ति नारायण चौधरी राम प्रसाद कामत ,दिनेश कुमार आदि उपस्थित थे ।
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